mere computer par jab blogger.com open karata hoo to olta sidha open hota hai. hindi ka likya kucha samajha nahi ata. kya koi help kar sakata hai. apaka pankaj vyas
मेरा ज्ञान सीमित है , परन्तु आप इसे internet explorer या Mozilla firefox पर खोल कर देखिए । या फिर ऊपर टूल बार पर जाकर view क्लिक करके encoding में जाकर unicode चुनिए । आशा है कोई न कोई आपकी समस्या हल कर देगा । यदि फिर भी न हुआ तो मदद की बजाय सीधे समस्या ही शीर्षक पर रखिए । कोई न कोई अवश्य उत्तर देगा । हाँ, कृपया word verification हटा दीजिए । पाठक इसे पसन्द नहीं करते । कई लोग ब्लॉगिंग कैसे करें पर ही चिट्ठे लिखते हैं व समस्याओं का समाधान बताते हैं। कुछ दिन आप इन्हें पढ़िए व अपने प्रश्न पूछिए। घुघूती बासूती
पंकज व्यास, रतलाम आप अपने बचपन को याद कीजिए। बचपन में चले जाईए। स्कूल के वो दिन याद करें, जब हर शनिवार को आधी छुट्टी के बाद बाल सभा होती, बाल सभा की तैयारी जोरों से की जाती। याद करें वो नजारा, जब मास्टर जी नाम पुकारते और कविता, कहानी, चुटकुले आदि पढऩे के लिए बाल सभा में बकायदा बुलाते। याद करें उस लम्हे को जब मास्टरजी उन दोस्तों को जबरन बाल सभा में खड़ा कर बुलवाते, कुछ भी कहने के लिए प्रेरित करते... .
जमनेश नागौरी रचित 'पीड़ा की पगडंडी' मुक्तक संकलन का विमोचन नीमच| कविता जहां लोरी से बच्चों को सुलाती है, वहीं कविता जागरण भी करती है। निरंतर लिखने से कब सरस्वती विराजमान हो जाए कहा नहीं जा सकता। कविता भाषा, वाणी और दर्शन से सार्थक होती है। नीमच जिला देशभर में साहित्य के नाम से भी जाना जाता है। निरंतर लिखो, आलोचकों की परवाह मत करो। संसार में आलोचकों के स्मारक नहीं होते। यह बात साहित्यकार बालकवि बैरागी ने कही। वे आनंद मंगल भवन में जमनेश नागौरी रचित 'पीड़ा की पगडंडी' मुक्तक संकलन के विमोचन समारोह में बोल रहे थे। सीआरपीएफ डीआईजी बीएस चौहान ने कहा पुस्तक 40 वर्षों की साहित्य साधना का निचोड़ है। गजलकार प्रमोद रामावत ने कहा नवोदित कलमकारों को पढऩे-लिखने के लिए प्रोत्साहन देने हम सदा तत्पर हैं। मंचों पर कविता के नाम पर फूहड़पन बढ़ता जा रहा है। कवि जमनेश नागोरी ने कहा पीड़ा की पगडंडी के लिए मैं चार दशकों तक अपनी बगिया को सींचता रहा हूं। मेरे काव्य उपवन का यह प्रथम प्रसून है। सिंगोली नपं के पूर्व अध्यक्ष घीसालाल पटवा ने कहा सामाजिक क्षेत्र के बाद साहित्य में आना चुनौतीपूर्ण...
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