Posts

Showing posts from November, 2008

कायरनाना में ये हाल हैं, तो विराना में...?

पंकज व्यास जब भी कोई आतंकवादी घटना घटित होती है, कई तरह के बयान मार्केट में आ जाते हैं। जैसे, हम आतंकवाद की जड़ को खत्म कर देंगे, आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता है, हम कड़ी कार्रवाई करेंगे आदि-आदि। इन सब बयानों को सुन-सुन कर मैं उब चुका हूं। कोई नई बात करो तो जानें। आप पुछेंगे नई बात क्या? भई एक्सशन लो, और क्या? तो हम बात कर रहे थे बयानों की। आतंकी घटनाओं के जस्ट बाद बयानों की झड़ी लग जाती है, उनमें से एक बयान मुझे काफी परेशान है। वह बयान है, ये कायराना हरकता है। मुझे समझ नहीं आता है, आतंकवादी आकर सरेआम मौत का तांडव मचा देते हैं और हम इसे कायरना हरकत कहकर कैसे टाल देते हैं? आखिर, इनकी ये हरकत कायराना है, तो हमारी हरकतें विराना है क्या? क्या चुपचाप आतंकी हमलों को सहना, और बयान बाजी करना भर हमारी विरता है? एक बात और.. क्या? लोग बड़ी सहज रूप से इन हरकतों को कायरना कहकर टाल देते हैं। एक बात बताओं कि इन आतंकवादियों की इन कायराना हरकतों से देश थर्रा उठ जाता है, लोग त्राहि-त्राहि करते हैं, लोग दहशत में हैं, डर के साये में जीते हैं, तो ये आतंकवादी विराना हरकत करेंगे तो क्या होगा? मेरे मन में

एक पाती ऐसी हम लिखें

>> पंकज व्यास एक पाती ऐसी हम लिखें, मां भारती के नाम हम लिखें, सो रहे हैं, लोग जो, उनकी चेतना के नाम, गान हम लिखें... एक पाती ऐसी हम लिखें... तिरंगे की आन के लिए, मां भारती की बान के लिए, देश की शान के लिए, जो मिट गए, उनको सलाम हम लिखें, एक पाती ऐसी हम लिखें... कदम-कदम पे बैठे हैं, छलिए देश में मेरे साधु-संतों के भेष में, डाकू घुमते देश में मेरे, धर्म के नाम पे, करते जो मारकाट हैं, उनके खिलाफ, एक फतवा हम लिखें... एक पाती ऐसी हम लिखें... अधिकारी मदमस्त हैं, जनता त्रस्त हैं, नेता मेरे देश के राजनीति में मस्त हैं, ये सारा तंत्र हो गया है भ्रष्ट , इस भ्रष्ट तंत्र के खिलाफ एक मंत्र हम लिखें... सारे देश में आतंक के बढ़ते पांव हैं, गद्धार खेलते, अपने दाव हैं, राष्ट्र के विरूद्घ हो रहे षडय़ंत्र, देशद्रोह के खिलाफ, राष्टभक्ति का बिगुल हम फूंके... एक पाती ऐसी हम लिखें... धर्मनिरपेक्षता का उड़ा रहे मजा· है, धर्म के नाम पे करते पक्षपात है, धर्म से चला रहे नेता अपना राजकाज हैं, इनके ही नाम को सद्भाव का पाठ हम लिखें... एक पाती ऐसी हम लिखें... dhanyawad

क्या कोई हेल्प करेगा ?

mere computer par jab blogger.com open karata hoo to olta sidha open hota hai. hindi ka likya kucha samajha nahi ata. kya koi help kar sakata hai. apaka pankaj vyas

ये सेवाभावी बाद में उडऩ छू न हो जाए?

पंकज व्यास इन दिनों तो भौंपुओं की भरमार है। चुनाव का हो गया आगाज है। हर भौंपू जोर लगा-लगा कर अपने प्रत्याशी को सेवाभावी बता रहा है। मेरे मन में सवालों पर सवाल उठाए जा रहा है। अचानक सेवाभावी लोगों की बाढ़ कहां से आ गई है? लोगों में सेवा की भावना बहुत समा गई है? मैं तो सोचता हूं, अब तो हमारा उद्धार हो जाएगा, समझ लो पूरा का पूरा विकास हो जाएगा, अब तो हमारे दिन फिर जाएंगे, विकास का पहिया घुम जाएगा, क्योंकि अब तो एक नहीं, कई कई सेवादार खड़े हो गए हैं, कई के अरमा बढ़े हो गए हैं। पर, एक सवाल मुझे सता रहा है। चुनाव के बाद भी ये सेवादार सेवा में डटे रहेंगे? सेवा में लगे रहेंगे? या सेवा का ये भूत उतर जाएगा? क्या कोई सेवाभावी प्रत्याशी बाद में नजर आएगा? सेवा कि चिड़ीया उड़ जाएगी? सेवाभाविता जारी रहेगी? बंधुओ, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है, मेरा दिल कह रहा है, ये सेवादार उडऩ छू हो जाएंगे और ढूंढे से भी नहीं मिल पाएंगे। कांश, ऐसा न हो, पर अब तक तो यही होता आया है, चुनाव के बाद सेवाभावी प्रत्याशी नजर नहीं आता है। पांच साल तक वनवास चला जाता है। आप बताओं आपका मन क्या कहता है? क्या सेवा के लिए सत्ता का

ये भीड़ तंत्र नहीं, लोकतंत्र है...

>>पंकज व्यास एक जना आके मुझसे बोला, 'चुनाव में अलां उम्मीदवार जीत जाएगा और फलां उम्मीदवार हार जाएगा? मैं अवाक रह गया। उससे पूछा, भाया, तुम कैसे कह सकते हों, चुनाव के पहले चुनाव परिणाम बता रहे हों, क्या बात है? क्या तुम अंतर्यामी बन गए हों, ज्योतिष सीख लिया है? भविष्य वक्ता बन गए हों...? वो बोला, नहीं रे, ऐसी बात नहीं है। मैंने सवाल दागा, 'तो फिर कैसी बात है? उसने तपाक से कहा, 'अलां की सभा में बहुत भीड़ थी, फलां की सभा इने गिने लोग।' मैंने ·हा, 'तो? उसने मुंह खोला, 'आश्चर्य जताया कि अब भी नहीं समझे! जिसकी सभा में भीड़, वह जीता समझो। मैंने समझादारी दिखाई और उसे लगा समझाने, ऐसा नहीं होता है, ये भीड़ तंत्र नहीं, लोकतंत्र हैं। किसी की सभा में ज्यादा भीड़ आ गई, इसका मतलब ये थोड़ी की जीत गया, जिसको ज्यादा वोट मिलेंगे वो जीतेगा। 'फिर इस भीड़ का क्या मतलब? ये भीड़ क्यों जुटी? अगर लोगों को जिसकी सभा में जा रहे हैं, उसे नहीं जीताना है, तो वहां गए ही क्यों..?, ऐसे कई सवाल उसने दाग दिए? और सवालपूछूं मुद्रा में मुझे टकटकी लगाए देखने लगा? मैं फिर लगा फिर अपना ज्ञान झ

हाय रे, वादे भी नसीब नहीं...,

>>पंकज व्यास ये विधानसभा के 2008 के चुनाव हो रहे हैं। अपने रतलाम में भी हो रहे हैं और उसके लिए जोरआजमाईश जारी है। सबके सब प्रदेश के गृह मंत्री हिम्मत कोठारी के पीछे पड़े हैं। चाहे कांग्रेस के प्रमोद गुगालिया हो, निर्दलीय प्रत्याशी पारस सकलेचा हो, बसपा के झालानी जी हो या फारवर्ड ब्लॉक के राष्ट्र pemi सुभाष अग्रवाल हो या कोई ओर... सबका कहना है कि हिम्मत कोठारी ने कुछ नहीं किया, कुछ नहीं किया 30 सालों में और हिम्मत कोठारी भी अपने कामों को बताने में लगे हैं कि मैंने ये किया वो किया... और आज बुधवार को बीजेपी का भोंपू भी गाड़ी में चित्कार, चित्कार कर कह रहा है कि आईए, देखने महलवाड़ा, हिम्मत कोठारी ने क्या विकास किया? सभा को संबोधित करने आ रहे हैं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह गुरुवार को शाम सात बजे। हर बार विधानसभा में अपन लोग सुनते हैं कि प्रत्याशी वादे करते हैं कि मैं ये कर दूंगा, वो कर दूंगा, अलां ..फलां... पर, पर, पर अबकी बार तो ·िसी सभा में ये सुनने को कम ही मिल रहे हैं। आश्वासन सुनने को कम मिल रहे हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि अब कोई वादा नहीं बचा हो। अब तो आरोप-प्रत्यारोप

ब्लोग्वानी का लिंक लगा अच्छा लगा

बहुत दिनों बाद ब्लोग्वानी का लिंक लगा पाया। बड़ा लगा। यहाँ पोस्टअपनी पोस्ट ब्लोग्वानी पर देखने के लिये।

टोने-टोट·े ·ी आशं·ा में महिला ·ो ·ाट डाला

खंडवा (निप्र)। जादू टोना ·र·े अपने पत्नी ·ो साथ रहने से दूर ·रने ·ी आशं·ा ·े चलते ए· युव· ने महिला ·ो ·ुल्हाड़ी से ·ाट ·र मौत ·े घाट उतार दिया। घटना जिले ·े पिपलौद थाना ·े ग्राम पुमठा ·ी है, जहां रोपी ने ग्राम ·ी ही ४० वर्षीय महिला सूरजबाई पति गेंदालाल ·ी दिनदहाड़ेे हत्या·र दी। अनुविभाग अधि·ारी डीआर ·ानूनगो ने बताया ·ि हत्यारे ·ी दो पत्नियां थीं और ए· ए· ·र·े दोनों उसे छोड़·र चली गई थीं। आरोपी ·ो अपनी पत्नियों ·ो दूर ·रने ·े लिये आशं·ा ग्राम ·े ही ·ोटवार ·ी पत्नी, सूरजबाई द्वारा जादू टोना ·रने ·ो ले·र थी और शु·्रवार ·ो मौ·ा मिलते ही उनसे ·ुल्हाड़ी से हत्या ·र दी। मृत·ा ·े शरीर पर ·ुल्हाड़ी से ·ोई ४० घाव ·िए। श्री ·ानूनगो ने बताया ·ि घटना ·े बाद से फरार हत्यारे मायाराम पिता बिहारी ·ो देर शाम बंदी बना लिया गया है।