पंकज व्यास, रतलाम आप अपने बचपन को याद कीजिए। बचपन में चले जाईए। स्कूल के वो दिन याद करें, जब हर शनिवार को आधी छुट्टी के बाद बाल सभा होती, बाल सभा की तैयारी जोरों से की जाती। याद करें वो नजारा, जब मास्टर जी नाम पुकारते और कविता, कहानी, चुटकुले आदि पढऩे के लिए बाल सभा में बकायदा बुलाते। याद करें उस लम्हे को जब मास्टरजी उन दोस्तों को जबरन बाल सभा में खड़ा कर बुलवाते, कुछ भी कहने के लिए प्रेरित करते... .
वाहिद पठान खान, ताल आतंकवादियों द्वारा निरंतर हमारे देश के भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों नगरों, महानगरों, संसद भवन, धार्मिक स्थलों इत्यादि स्थानों पर थोड़े-थोड़े समय के अंतराल में चंद मु_ïीभर आतंकी आते हैं और हमारी सारी सुरक्षा व्यवस्था, खुफिया एजेंसियों को धता बताते हुए सैंकड़ों बेगुनाह निर्दोष लोगों का नरसंहार कर अपने नापाक मंसुबों को पूरा करने पर तुले रहते हैं। घटना घटित कर चले जाते हैं। इस बार आतंकियों ने भारतवर्ष की आर्थिक क्षेत्र की मुंबई महानगरी की विशाल ईमारतों में आतंक का नंगा नाच एवं खुले रूप से मौत का तांडव दिखा कर सारी सीमाएं लांघ दी हैं। सैकड़ों लोगों को मौत की गहरी नींद सुला दिया। कईं लोगों को अपाहित बना दिया, तो कई महिलाओं को विधवा बना दिया। साथ ही हमारे देश ने अपने जाबाज अफसरों, जवानों की शहादत से होटल में बंधक बनाकर रखे भारतीयों, विदेशियों को छुड़ाने में अपनी जान की कीमत चुकाई। हर भारतीय देश के विरों पर गौरव होने के साथ उन्हें श्रृद्घांजलि अर्पित कर रहा है, परंतु इस देश का सबसे बड़ा दुर्भाग्य है कि ऐसी विकट परिस्थितियों में भी हमारे राजनैतिक दल या तो अपनी-अपनी राजनीतिक रोट...
>>पंकज व्यास, ratlam फिजा में प्यार का रस घुलने लगा है, दिल धड़कने लगे हैं, हवा प्यार की बहने लगी है। सर्द रात आने को है , मौसम बता रहा है, वैलेंटाइन्स डे आने को है। दिल की बात हलक पर आई गई है, लब पर आने को आतुर है, अब प्यार की बारी आई है, कोई विरोध को, तो कोई प्यार को बेकरार है। बस वेलेन्टाइन्स डे आने को है। मन मचल रहे हंै, दिल धड़क रहे हैं, बदरी प्यार की छाने को है, तराने प्यार के गाने को है याद सता रही, उनकी बैचेनी बता रही अब वेलेन्टाईन डे आने को है।
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