ी मरण महोत्सव बन पंकज व्यास

सफर मेरा सफल हो जाएँ
जीवन एक उत्सव बन जाएँ
आना धरा पर सार्थक हो जाएँ
जब मरण भी मरण महोत्सव बन जाएँ

Comments

Popular posts from this blog

अब नहीं होती बाल सभाएं, केवल एक दिन चाचा नेहरू आते हैं याद

निरंतर लिखो, आलोचकों की परवाह मत करो -बैरागी

प्रसंगवश: विवेकानंद जयंती और सूर्य नमस्कार 12 जनवरी, ऊर्जावान, विवेकवान युवा भारत के लिए आओ करें सूर्य नमस्कार