प्रसंगवश: विवेकानंद जयंती और सूर्य नमस्कार 12 जनवरी, ऊर्जावान, विवेकवान युवा भारत के लिए आओ करें सूर्य नमस्कार
-पंकज व्यास, रतलाम
12 जनवरी को विवेकानंद जयंती मनाई जाती है। स्वामी विवेकानंद को कौन नहीं जानता? उनके बारे में, उनके व्यक्ति के बारे में हर भारतीय भलीभांति परिचित होगा।
सब जानते हैं कि किस तरह स्वामी विवेकानंद ने अपने विवेक से, अपनी मेधा से पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति का परचम फहराया। भारत से लेकर शिकांगो सम्मेलन तक स्वामी विवेकानंद ने भारतीय संस्कृति की अक्षुण्य पताका फहराई है। भारतीय संस्कृति, ज्ञान विज्ञान के आकाश में सूर्य की भांति दैदिप्यमान है विवेकानंद।
सूर्य विवेक उत्पन्न करता है, मेधा बढ़ाता है, ज्ञान देता है, विज्ञान देता है, बल देता है, बुद्धि देता है। वेदों से लेकर पुराणों तक सूर्य की सविता देवता के रूप में उपासना हुई है, स्तुति की गई है। प्रसिद्ध गायत्री मंत्र में सविता देवता की उपासना है। सूर्य को प्रकट, जाग्रत देव माना गया है। जैसे सूर्य की रश्मियां सारे जहान का पालन पोषण निष्पक्ष भाव से करती है, वही रवि मेरी भी बुद्धि का विस्तार करें, ज्ञान दें, मेधा दें, इसी भावना के साथ सूर्य नमस्कार किया जाता है।
मध्यप्रदेश सरकार, शिवराज सरकार इस दिन सूर्य नमस्कार का विशाल सामूहिक आयोजन करती है। प्रदेश के सवा लाख स्कूल, कॉलेजों में सामूहिक सूर्य नमस्कार का विशद आयोजन शिवराज सरकार करती आ रही है।
सूर्य नमस्कार तो एक प्रतीक है। सूर्य के सामने कुछ पल गुजारने का माध्यम है। कुछ लोग धूप स्नान भी करते हैं। सूर्य की किरणें विटामिन डी की वाहक है। प्रात:काल में सूर्य की रश्मियां शरीर पर पड़ती है, लावण्य का विस्तार होता है, सुंदरता बढ़ती है, आकर्षण बढ़ता है। व्यक्तित्व तेजोमयी होता है। ऊर्जा का संचार होता है, मन प्रफुल्लित होता है। प्रात: का सूर्य सुख देने वाला होता है। सूर्य नमस्कार के माध्यम से सूर्य को हम कृतज्ञता प्रकट करते, धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। आखिर, सूर्य प्रभात का आगाज करता है। सूर्य की रश्मियां सबका पालन करती है। जड़-चेतन को पोषित करती है।
स्वामी विवेकानंद जयंती युवा दिवस के रूप में मनाई जाती है। युवा दिवस पर सूर्य नमस्कार एक अनूठा आयोजन है। युवा ऊर्जावान होता है, युवाओं को ऊर्जा की आवश्य·ता होती है। युवाओं को ही क्यों सबको ऊर्जा चाहिए होती है और सूर्य अपार ऊर्जा का स्त्रोत है। इसलिए हम सूर्य को नमस्कार कर ऊर्जा प्राप्त करते हैं। एक तरफ स्वामी विवेकानंद जयंती को युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है, तो दूसरी ओर सामूहिक सूर्य नमस्कार।
युवा दिवस और सूर्य नमस्कार का यह सामंजस्य भारत के स्वर्णिम भविष्य का आगाज है। भारत का भविष्य कैसा हो, यह युवाओं के कांधों पर निर्भर करेगा। अगर युवा मेधावान, ऊर्जावान, आकर्षक, जवां तो देश जवां रहेगा, देश आगे बढ़ेगा। सूर्य नमस्कार ऊर्जा का माध्यम बनता है। आज वास्तव में देश को एक नहीं अनेकानेक विवेकानंद की जरूरत है।
इसलिए आईए विवेकानंद जयंती, युवा दिवस पर हम सूर्य के प्रति कृतज्ञता प्रकट करें, धन्यवाद दें, वहीं मेधावान, ऊर्जावान, ज्ञानवान, विज्ञानमयी, तेजोमीय युवा भारत के लिए सूर्य को नमस्कार करें।
12 जनवरी को विवेकानंद जयंती मनाई जाती है। स्वामी विवेकानंद को कौन नहीं जानता? उनके बारे में, उनके व्यक्ति के बारे में हर भारतीय भलीभांति परिचित होगा।
सब जानते हैं कि किस तरह स्वामी विवेकानंद ने अपने विवेक से, अपनी मेधा से पूरे विश्व में भारतीय संस्कृति का परचम फहराया। भारत से लेकर शिकांगो सम्मेलन तक स्वामी विवेकानंद ने भारतीय संस्कृति की अक्षुण्य पताका फहराई है। भारतीय संस्कृति, ज्ञान विज्ञान के आकाश में सूर्य की भांति दैदिप्यमान है विवेकानंद।
सूर्य विवेक उत्पन्न करता है, मेधा बढ़ाता है, ज्ञान देता है, विज्ञान देता है, बल देता है, बुद्धि देता है। वेदों से लेकर पुराणों तक सूर्य की सविता देवता के रूप में उपासना हुई है, स्तुति की गई है। प्रसिद्ध गायत्री मंत्र में सविता देवता की उपासना है। सूर्य को प्रकट, जाग्रत देव माना गया है। जैसे सूर्य की रश्मियां सारे जहान का पालन पोषण निष्पक्ष भाव से करती है, वही रवि मेरी भी बुद्धि का विस्तार करें, ज्ञान दें, मेधा दें, इसी भावना के साथ सूर्य नमस्कार किया जाता है।
मध्यप्रदेश सरकार, शिवराज सरकार इस दिन सूर्य नमस्कार का विशाल सामूहिक आयोजन करती है। प्रदेश के सवा लाख स्कूल, कॉलेजों में सामूहिक सूर्य नमस्कार का विशद आयोजन शिवराज सरकार करती आ रही है।
सूर्य नमस्कार तो एक प्रतीक है। सूर्य के सामने कुछ पल गुजारने का माध्यम है। कुछ लोग धूप स्नान भी करते हैं। सूर्य की किरणें विटामिन डी की वाहक है। प्रात:काल में सूर्य की रश्मियां शरीर पर पड़ती है, लावण्य का विस्तार होता है, सुंदरता बढ़ती है, आकर्षण बढ़ता है। व्यक्तित्व तेजोमयी होता है। ऊर्जा का संचार होता है, मन प्रफुल्लित होता है। प्रात: का सूर्य सुख देने वाला होता है। सूर्य नमस्कार के माध्यम से सूर्य को हम कृतज्ञता प्रकट करते, धन्यवाद ज्ञापित करते हैं। आखिर, सूर्य प्रभात का आगाज करता है। सूर्य की रश्मियां सबका पालन करती है। जड़-चेतन को पोषित करती है।
स्वामी विवेकानंद जयंती युवा दिवस के रूप में मनाई जाती है। युवा दिवस पर सूर्य नमस्कार एक अनूठा आयोजन है। युवा ऊर्जावान होता है, युवाओं को ऊर्जा की आवश्य·ता होती है। युवाओं को ही क्यों सबको ऊर्जा चाहिए होती है और सूर्य अपार ऊर्जा का स्त्रोत है। इसलिए हम सूर्य को नमस्कार कर ऊर्जा प्राप्त करते हैं। एक तरफ स्वामी विवेकानंद जयंती को युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है, तो दूसरी ओर सामूहिक सूर्य नमस्कार।
युवा दिवस और सूर्य नमस्कार का यह सामंजस्य भारत के स्वर्णिम भविष्य का आगाज है। भारत का भविष्य कैसा हो, यह युवाओं के कांधों पर निर्भर करेगा। अगर युवा मेधावान, ऊर्जावान, आकर्षक, जवां तो देश जवां रहेगा, देश आगे बढ़ेगा। सूर्य नमस्कार ऊर्जा का माध्यम बनता है। आज वास्तव में देश को एक नहीं अनेकानेक विवेकानंद की जरूरत है।
इसलिए आईए विवेकानंद जयंती, युवा दिवस पर हम सूर्य के प्रति कृतज्ञता प्रकट करें, धन्यवाद दें, वहीं मेधावान, ऊर्जावान, ज्ञानवान, विज्ञानमयी, तेजोमीय युवा भारत के लिए सूर्य को नमस्कार करें।
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